प्रभुजी

मई 06, 2025
होकर मैं मतवाला प्रभुजी द्वार तिहारे आया हूँ नाथ करो कृपा मुझपर भी, मैं शरण तुम्हारी आया हूँ I जब भी कभी मैं संकट होता आपका...Read More

''मधुर हवा ''

मई 06, 2025
मधुर हवा धीरे धीरे चलती है ना नाम पता कुछ कहती है मधुर हवा धीरे धीरे चलती है I ह्रदय को उद्वेलित करके सपनो को विच्छेदित करक...Read More

" रावण "

मई 06, 2025
 यह उपन्यास तीन खंडों में विभाजित है । उपन्यास में दिखाया गया है कि कलयुग में मानव किस प्रकार से छद्म वेश धारण किए हुए है और कैसे वह समय ...Read More

"वो ख़ुद "

मई 06, 2025
वो ख़ुद क़त्ल करके क़त्ल के सुराग़ ढूंढ़ती है, ख़ुद बेरुख होकर मुझे बेरुख़ी का इल्जाम देती है, ख़ुद तन्हा करके चली गयी और मुझे तन्हाई में ढू...Read More

" सुनो ना "

मई 06, 2025
सुनो ना वो तुम्हें अपना बनाकर छोड़ बैठे है, कहीं मिल जाए ना अखियां, वो पलकें झुकाकर बैठे हैं । कभी आँखों ही आंखों में, हुआ करती थी सब बात...Read More